Wednesday, May 24, 2017




भारत के उन "प्रगतिशीलों" के लिए जो इनदिनों एन.आर.आई. बुद्धिजीवी गायत्री स्पिवाक , होमी के. भाभा , आर. सिवकुमार , दीपेश चक्रवर्ती आदि के मुरीद हो गए हैं ---
"उत्तर-उपनिवेशवाद भारत के कुछ धनी-मानी लोगों की खोज है जिन्होने इस बात को समझ लिया है कि श्वेत उदारवादियों के अपराध-बोध से खेलकर वे पश्चिम के शीर्षस्थ विश्वविद्यालयों में अच्छा कैरियर बना सकते हैं ।"
---स्लावोज ज़िज़ेक

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