Friday, July 08, 2016





Segui il tuo corso, e lascia dir le genti !

(तुम अपनी  राह  चलते  चलो, लोग  कुछ  भी कहें, कहने  दो!)
-- दान्‍ते  की  उक्ति जो मार्क्‍स को प्रिय थी, इसी  से  'पूँजीजी' खण्‍ड एक की भूमिका उन्‍होंने समाप्‍त की थी।

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