Friday, July 08, 2016





नहीं तेरा बसेरा कस्रे-सुल्‍तानी के गुम्‍बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चट्टानों पर।
-- इक़बाल

तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आस्‍माँ और भी हैं।
-- इक़बाल

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