Saturday, December 06, 2014




प्रत्‍ययवाद और अधिभूतवाद दुनिया में सबसे आसान चीजें हैं, क्‍योंकि इन्‍हें मानने वाले लोग वस्‍तुगत यथार्थ को आधार बनाये बिना अथवा वस्‍तुगत यथार्थ की कसौटी पर परखे बिना चाहे जितनी ऊलजलूल बातें कर सकते हैं। दूसरी तरफ, भौतिकवाद और द्वंद्ववाद दरअसल प्रयत्‍नसाध्‍य चीजें हैं। इनमें वस्‍तुगत यथार्थ को आधार बनाना और वस्‍तुगत यथार्थ की कसौटी पर परखना ज़रूरी है। यदि कोई प्रयत्‍न नहीं करेगा, तो उसके लिए प्रत्‍ययवाद और अधिभूतवाद के गड्ढे में गिरने की सम्‍भावना बनी रहेगी।
-- माओ त्‍से-तुंग

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