Wednesday, August 06, 2014

दीवारें बोलती हैं




दीवारें बोलती हैं (एक)

बोगोटा पुस्‍तक मेले में बच्‍चों के सेक्‍शन में :
'ल्‍यूनीकॉप्‍टर काफी तेज रफ्तार है, फिर भी काफी सुस्‍तरफ्तार है।'
मुहाने के बगल में मोण्‍टविडियो के सायेदार राजमार्ग पर:
'पंख वाले इंसान रात को तरजीह देते हैं।'
सान्तियागो द क्‍यूबा को छोड़ते हुए:
'दीवारों को मैं कैसे ढँकू, तुम्‍हें याद करते हुए।'
और वाल्‍पारासो की ऊँचाइयों पर:
'मैं हमलोगों को प्‍यार करता हूँ।'


दीवारें बोलती हैं (दो)

ब्‍यूनर्स आयर्स में ला बोका पुल पर :
'हर कोई वायदे करता है, पर कोई नहीं पूरा करता है उन्‍हें। 'कोई नहीं' को वोट दो।'
काराकास में, संकट के दिनों में, निर्धनतम बस्तियों में से एक के प्रवेश द्वार पर:
'सुस्‍वागतम, मध्‍यवर्ग।'
बोगोटा में राष्‍ट्रीय विश्‍वविद्यालय के एक कोने में:
'ईश्‍वर है।'
और उसके नीचे किसी दूसरे का लिखा हुआ :
'महज एक विशुद्ध चमत्‍कार के जरिए।'
और बोगोटा में ही:
'सभी देशों के सर्वहाराओ, एक हो जाओ।'
और उसके नीचे अलग हस्‍तलिपि में :
'(फाइनल नोटिस)।'


दीवारें बोलती हैं (तीन)

मोण्‍टविडियों में, ब्राजो ओरियण्‍टल के निकट :
'यहाँ हम बैठते हैं, उन्‍हें हमारे सपनों की हत्‍या करते हुए देखते हुए।'
और बुसियो  के मोण्‍टविडियन बंदरगाह के सामने बैकवाटर के किनारे :
'पुरानी पाद: बिना भय के तुम अपना समूचा जीवन नहीं जी सकते।'
क्विटों के कोलोन एवेन्‍यू पर एक पूरे ब्‍लॉक पर लाल अक्षरों में:
'क्‍या होगा यदि हम इकट्ठे हो जायें और उस बड़े पुराने गुब्‍बारे को एक ठोकर मार दें?'


दीवारें बोलती हैं (चार)

मेडेलिन के एकदम बीचोबीच में :
'बिना दर्द कुछ हासिल नहीं।'
और इसके नीचे हस्‍ताक्षर :
'हत्‍यारा कोच।'
उरुग्‍वे के मेलो शहर में :
'पुलिस की मदद करो: खुद को टॉर्चर करो।'
मासातेपे, निकारागुआ में एक दीवार पर, तानाशाह सोमोजा के पतन के तुरंत बाद :
'हालाँकि वे नॉस्‍टेल्जिया का शिकार होकर मरे, पर वे कभी वापस नहीं लौटेंगे।'

-- एदुआर्दो गालिआनो (द बुक ऑफ एम्‍ब्रैसेज़)

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