Thursday, September 15, 2011

शिल्‍पी संग्रामी पॉल रॉबसन

वो हमारे गीत क्‍यों रोकना चाहते हैं
शिल्‍पी संग्रामी पॉल रॉबसन।
हम अपनी आवाज़ उठा रहे हैं
वो नाराज़ क्‍यों वो नाराज़ क्‍यों
नीग्रो भाई हमारे पॉल रॉबसन।
वो डरते हैं ज़‍िन्‍दगी से, वो डरते हैं मौत से,
वो डरते हैं इतिहास से,
वो डरते हैं, रॉबसन।
हमारे इन कदमों से डरते हैं
हमारी इन आंखों से डरते हैं
जनता की इस चेतना से डरते हैं रॉबसन
वो क्रांति के जय डम्‍बरु से डरते हैं रॉबसन
शिल्‍पी संग्रामी पॉल रॉबसन।
नीग्रो भाई हमारे पॉल राबसन।

-नाज़‍िम हिकमत

1 comment:

  1. नाज़िम हिकमत के सवालों में ही जवाब भी छुपे हुए हैं. दोनों महानों की स्मृति को नमन.

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