Friday, July 29, 2011

सत्‍य बुद्धि की उपज नहीं है। वह जीवन की, वास्‍तविकता की देन है। अपनी बोधेन्द्रियों द्वारा हम उसे प्राप्‍त करते हैं।

- निकोलाई गाव्रिलोविच चेर्नीशेव्‍स्‍की

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