देर रात के राग
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Saturday, April 23, 2011
कितने साथ?
कितने साथ?
कितने हाथ?
कितनी शुभकामनाएं
लिए सिर माथ?
कब चलना है यहां से?
कब शुरु होनी है नयी यात्रा?
गुण में बदलनी है
कब मात्रा?
-कविता कृष्णपल्लवी
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