Thursday, February 24, 2011

एक तरफ जहां जन आन्‍दोलन और राष्‍ट्रीय आन्‍दोलन हुए, वहीं, उनके साथ-साथ जातिगत और साम्‍प्रदायिक आन्‍दोलनों को भी जान-बूझकर शुरु किया गया क्‍योंकि ये आन्‍दोलन न तो अंग्रेजों के ख़‍िलाफ थे, न किसी वर्ग के, बल्कि ये दूसरी जातियों के ख़‍िलाफ थे।
                                                    -गणेश शंकर विद्यार्थी

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