Sunday, February 20, 2011



सभी देशों की मेहनतक़श जनता के हित में, लेखकों को एक लड़ाकू यथार्थवाद को अपनाने के लिए ललकारा जाना चाहिए। एक समझौताहीन यथार्थवाद, जो सच्‍चाई पर, यानी शोषण उत्‍पीड़न पर पर्दा डालने के सभी प्रयासों से जूझेगा, केवल वही शोषण और उत्‍पीड़न की निन्‍दा कर उनकी कलई खोल सकता है।

                                                   -बेर्टाल्‍ट ब्रेष्‍ट

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