Thursday, January 20, 2011

तीन छोटी कविताएं




(एक)

उन्‍होंने मुझे प्‍यार दिया
और गुलामी भी।
संरक्षण दिया
और कमज़ोर बनाया।
मुक्‍त हूं मैं
कमज़ोर पंखों से
नापने को सारा
आकाश।
फैसले लेने की ताकत है
आज मेरे पास।

(दो)

चुनना था मुझे साथ।
समझौते की जगह
मैंने
अकेलापन चुना।

(तीन)

अकेला होना ज़रूरी है
संग-साथ के
गहरे अहसास के लिए।

                           -कविता कृष्‍णपल्‍लवी

1 comment:

  1. बहुत खूब.. दूसरी और तीसरी बहुत अच्छी हैं..

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